
दिल्ली की ऐतिहासिक और भीड़भाड़ से भरे रहने वाले चांदनी चौक में निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरों की संख्या काफी कम है। जो कैमरे लगे भी है उनमें नाइट विजन नहीं है। करीब दस साल पहले लगाए गए कैमरों में रात के समय होने वाली गतिविधियां रिकार्ड नहीं हो पाती।कपड़ो के व्यापार के लिये प्रसिध्द सरोजनी नगर मार्केट बम धमाकों का गवाह रह चुका है। इस बाजार में भी निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरों की संख्या काफी कम हैं, जिनकी संख्या यहां के भीड़भाड़ के लिहाज से काफी नहीं है। इस बाजार में प्रशासन ने पुलिस को तैनात किया है लेकिन बाजार में प्रवेश वाले किसी भी गेट पर मेटल डिटेक्टर नहीं हैं।बड़े थोक बाजार सदर बाजार में भी करीब एक दर्जन सीसीटीवी कैमरे हैं। लेकिन 15 हजार दुकान वाले इस बाजार में आने वाले लोगों की संख्या लाखों में है। इस लिहाज से कैमरों की संख्या काफी नहीं है।मध्य दिल्ली का पहाड़गंज बाजार भी 2005 में आतंक का शिकार बन चुका है। 2007 में यहां 26 से ज्यादा कैमरे लगाए गए थे। लेकिन आलम यह है कि दो साल से अधिकतर सीसीटीवी कैमरे खराब पड़े हैं। इसके बावजूद उन्हें ठीक नहीं कराया जा सका है।
0 comments:
Post a Comment