उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या नगरी के विकास से सम्बन्धित सभी विभागों को अन्तर्विभागीय समन्वय के आधार पर तेजी से कार्यवाही किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि अयोध्या की विकास परियोजनाओं के सम्बन्ध में भूमि अधिग्रहण के मामलों को संवाद के आधार पर शीघ्र निस्तारित किया जाए। साधु-संतों और श्रद्धालुओं सहित अन्य सभी पक्षों से विचार-विमर्श कर इसे वैदिक नगरी के रूप में विकसित किया जाए।
योगी आज यहां अपने सरकारी आवास पर अयोध्या के विजन डॉक्यूमेण्ट के प्रस्तुतीकरण के अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर अयोध्या के जिलाधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े हुए थे। योगी ने विजन डॉक्यूमेण्ट के सम्बन्ध में सुझाव व आवश्यक दिशा-निर्देश देते संशोधन के साथ प्रस्तुत किए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि अयोध्या के विकास से यह धाम वैश्विक पहचान स्थापित करते हुए अपने मौलिक, धार्मिक, ऐतिहासिक, सांस्कृतिक व आध्यात्मिक स्वरूप के साथ उभरेगा। उन्होंने अयोध्या के विकास कार्यों व परियोजनाओं में और तेजी लाए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि हर स्तर पर त्वरित निर्णय लेकर सभी योजनाओं को निर्धारित समय-सीमा में पूरा किया जाए। उन्होंने अल्प, मध्यम और दीर्घ विकास परियोजनाओं की जानकारी प्राप्त की और उन्हें निर्धारित टाइमलाइन में पूर्ण करने के निर्देश दिए।
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योगी ने कहा कि अयोध्या धाम का पौराणिक, ऐतिहासिक, सांस्कृतिक व आध्यात्मिक महत्व है। इसे पूरे विश्व में भगवान श्रीराम की नगरी के रूप में जाना जाता है। इसकी विरासत और संस्कृति को अक्षुण्ण रखते हुए आधुनिक सुविधाओं के साथ विकसित किया जाए। यहां के भवनों और निर्माण कार्यों में भारतीय परम्परा, विरासत और संस्कृति की झलक मिले। वास्तु शैली उत्कृष्ट व जीवन्त हो।
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