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अपने संदेश में
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव सुनील
अरोड़ा ने कहा ‘‘मीडिया पेशेवरों,
विशेष रूप से मीडिया विद्यार्थियों में कौशल का
विकास करना बेहद अनिवार्य है, क्योंकि इसका
रिपोर्टिंग पर दूरदर्शी प्रभाव पड़ता है जो सार्वजनिक स्वास्थ्य एवं विकास जैसे
महत्वपूर्ण मुद्दों के प्रमाण आधारित कवरेज को बढ़ावा देता है।’’
वर्तमान में यूके
के सार्वजनिक स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए संचालित यह पाठ्यक्रम पहली बार भारत में
नियमित टीकाकरण एवं बाल स्वास्थ्य पर जागरुकता पैदा करने के लिए ळ।टप्-स्वास्थ्य
प्रणाली सशक्तीकरण योजना के तहत भारत में पेश किया गया है।
अपने सम्बोधन के
दौरान देश के लिए युनिसेफ के प्रतिनिधि लुईस जाॅर्ज आॅर्सेनाॅल्ट ने बाल स्वास्थ्य के
महत्वपूर्ण मुद्दे पर प्रकाश डालते हुए कहा, ‘‘देश भर में मीडिया एवं पत्रकारिता स्कूलों के साथ
विचार-विमर्श करने के बाद हमने एक ऐसे साधारण पाठ्यक्रम की आवश्यकता महसूस की जो
सार्वजनिक स्वास्थ्य, विशेष रूप से
बच्चों के स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों पर वैज्ञानिक एवं प्रमाण आधारित रिपोर्टिंग
को बढ़ावा दे।’’
इस मौके पर
आईआईएमसी के महानिदेशक के. जी सुरेश ने
विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा, ‘‘यह पाठ्यक्रम मीडिया कर्मियों और पत्रकारों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है और
उन्हें सार्वजनिक स्वास्थ्य के मुद्दों पर बेहतर रिपोर्ट देने में सक्षम बनाएगा।
इसलिए जब आईआईएमसी को इस पायलट प्रोग्राम के लिए चुना गया, हमने बेहद खुशी से युनिसेफ एवं अन्य राष्ट्रीय एवं
अन्तरराष्ट्रीय साझेदारों के साथ इस प्रस्ताव को स्वीकार किया।’’
आईआईएमसी ने अपने
दिल्ली परिसर में पिछले तीन महीने के दौरान इस पाठ्यक्रम का संचालन किया।
विद्यार्थियों को परिवार एवं कल्याण मंत्रालय में टीकाकरण के आयुक्त डाॅ. प्रदीप
हल्दर, सूचना एवं प्रसारण
मंत्रालय के सचिव सुनील अरोड़ा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के
उपायुक्त डाॅ. एम के अग्रवाल, भारत के लिए
युनिसेफ के प्रतिनिधि लुईस जाॅर्ज
आर्सेनाल्स तथा आईआईएमसी के महानिदेशक के.
जी. सुरेश की मौजूदगी में प्रमाणपत्र दिया गया।
सार्वजनिक
स्वास्थ्य की गुणवत्ता बढ़ाने में मीडिया की सक्रिय भूमिका को ध्यान में रखते हुए
युनिसेफ के द्वारा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सहयोग से तथा अन्य
साझेदारोें की साझेदारी में इस प्रोग्राम की शुरूआत की गई है जो भारत सरकार के
मुख्य मिशन इन्द्रधनुष प्रोग्राम के तहत आरआई में समग्र पारदर्शी वातावरण को
बढ़ावा देगा।
स्वास्थ्य एवं
परिवार कल्याण मंत्रालय में टीकाकरण के उपायुक्त डाॅ. प्रदीप हल्दर ने कहा,
‘‘भारत का सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम दुनिया
के सबसे बड़े टीकाकरण कार्यक्रमों में से एक है तथा देश में सार्वजनिक स्वास्थ्य
की दृष्टि से महत्वपूर्ण हस्तक्षेप है। हम मिशन इन्द्रधनुष के माध्यम से वैक्सीन
के द्वारा रोकी जा सकने वाली बीमारियों से बच्चों को अधिकतम संरक्षण प्रदान करने
हेतू प्रयासरत हैं। ये जीवन रक्षक वैक्सीनें न केवल बच्चों के स्वास्थ्य की
गुणवत्ता में सुधार लाती हैं बल्कि इन बीमारियों के कारण अस्पताल में भर्ती की दर
को भी कम करती हैं, इससे निश्चित रूप
से देश में स्वास्थ्य सेवाओं पर होने वाले व्यय का बोझ कम होता है।’’
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