भारतीय रेलवे द्वारा कुल 197 प्रीमियम रेलें चलाई गई हैं। प्रीमियम रेलों के शुरू किये जाने के बाद 21.11.2014 तक गतिमान किराया खाते में 49.71 करोड़ रुपये की कुल अतिरिक्त आय हुई हैं। अतिरिक्त आय के अलावा इन रेलों द्वारा जा रहे यात्रियों से प्राप्त प्रतिक्रिया भी काफी उत्साहजनक रही है।
प्रगतिमान किराये पर शुरू की गई प्रीमियम रेल अवधारणा नियमित रेल सेवा से ऊपर और पहले 24.12.2013 से प्रभावी हुई है। प्रगतिमान बढ़ते मूल्य के आधार पर विशेष प्रीमियम रलों का किराया मांग और सुविधा की उपलब्धता पर निर्भर है। इन रेलों का आधार किराया सामान्य व्यस्क किराया है, जो रेल प्लस तत्काल अधिभार के लिए लागू होगा और एक दी गई अधिकतम सीमा में किराया मांग की सघनता के आधार पर बढ़ सकता है। प्रीमियम रेल का प्रगतिमान किराया सामान्य मागं सघनता की तुलना में वास्तविक मांग सघनता के अनुपात में बढ़ता है।
प्रगतिमान किराये पर शुरू की गई प्रीमियम रेल अवधारणा नियमित रेल सेवा से ऊपर और पहले 24.12.2013 से प्रभावी हुई है। प्रगतिमान बढ़ते मूल्य के आधार पर विशेष प्रीमियम रलों का किराया मांग और सुविधा की उपलब्धता पर निर्भर है। इन रेलों का आधार किराया सामान्य व्यस्क किराया है, जो रेल प्लस तत्काल अधिभार के लिए लागू होगा और एक दी गई अधिकतम सीमा में किराया मांग की सघनता के आधार पर बढ़ सकता है। प्रीमियम रेल का प्रगतिमान किराया सामान्य मागं सघनता की तुलना में वास्तविक मांग सघनता के अनुपात में बढ़ता है।
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