शिरोमणि अकाली दल दिल्ली
के प्रधान परमजीत सिंह सरना ने भारतीय संविधान में सिखों को केसाधारी हिंदू साबित करते
धारा २५ को पूरी तरह खत्म करने की मांग करते हुए कहा कि दुनिया भर के सिखों की ओर से
इस धारा को खत्म करवाने का विश्व सिख कांफ्रेंस दौरान प्रस्ताव भी पास किया जा चुका
है।
जारी एक ब्यान में सरना ने कहा
कि धारा २५ को लेकर अकाली दल लंबे समय से मोर्चे भी लगाता आ रहा है और मास्टर तारा
सिंह, संत चनण सिंह, संत फतेह सिंह और संत हरचंद सिंह लोंगोवाल के प्रधानगी
के समय से ही सिख मोर्चे लगाकर इस धारा को खत्म करने की मांग करते आ रहे है। उन्होंने
कहा कि इस धारा को खत्म करवाने के लिए दुनिया भर के सिख एकजुट है और विश्व स्तर पर
सिख कांफ्रेंस करके इस धारा को खत्म करने की लंबे समय से मांग करते आ रहे है।उन्होंने
कहा कि पंजाब की हाकम धड़े जोकि इस समय केंद्र में सरकार में भाईवाल है, को चाहिए कि वह बिना किसी देरी से प्रधानमंत्री नरेंद्र
मोदी तक पहुंच करके इस धारा को संविधान में संशोधन करके खत्म करवाए। उन्होंने कहा कि
यह तो दीवार पर लिखे सच की तरह है कि सिख एक अलग कौम व अलग धर्म है, जिसे किसी भी अन्य धर्म से जोड़ा नहीं जा सकता और दो
पातशाहियां श्री गुरु अर्जुन देव और श्री गुरु तेग बहादुर साहिब की शहादते भी सिखी
रिवायतों पर परंपरा को ही मुख्य करके हुई है। उन्होंने कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर
साहिब की शहादत को तो उन लोगों को भी याद रखना चाहिए, जिनकी खातिर उन्होंने शहादत देकर उनके धर्म की रक्षा
की थी और नौवें पातशाह 'हिंद की चादर, श्री गुरु तेग बहादुरÓ कहलाए। उन्होंने कहा कि सिख एक अलग कौम है और अलग रहेगी और इसे किसी भी और धर्म
में मिलाया नहीं जा सकता।
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