नई दिल्ली, । दिल्ली भाजपा अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंत्रिमंडल द्वारा दिल्ली कानून
(स्पेशल प्रॉवीजन) एक्ट 2011 जिसकी अवधि 31
दिसम्बर 2014
को समाप्त हो रही थी को 2017 तक बढ़ाये जाने का
स्वागत किया है। इस एक्ट के अंतर्गत
दिल्ली में फरवरी 2007 तक बनी सम्पत्तियों जिन
पर सीलिंग अथवा तोड़फोड़ की तलवार लटकती थी को राहत दी गई है।
उपाध्याय ने इस संदर्भ में केन्द्रीय शहरी विकास
मंत्री श्री एम. वेंकैया नायडू को लिखे पत्र में उन्होंने केन्द्र सरकार द्वारा इस
राहत के लिए दिल्ली के लोगों की ओर से आभार प्रकट करते हुये उनका ध्यान दिल्ली में
फरवरी 2007
से अब तक बने लाखों मकानों अथवा व्यवसायिक केन्द्रों पर भी लटकती तलवार की ओर
आकृष्ट कर दिल्ली में दिसम्बर 2014
तक बनी और बसीं सभी कालोनियों और पुरानी दिल्ली की सम्पत्तियों को भी दिल्ली कानून
(स्पेशल प्राॅवीजन) एक्ट 2011 की परिधि में लाने की
मांग की है।
प्रदेश अध्यक्ष उपाध्याय ने कहा है कि दिल्ली में 2010-11
में चले सीलिंग विरोधी आंदोलन को शांत करने के लिए तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने 2011
में यह एक्ट तो ला दिया था पर न तो दिल्ली की अनधिकृत कालोनियों में या पुरानी
दिल्ली सहित दिल्ली की किसी अन्य कालोनी में लोगों को भवन निर्माण के लिए कोई नये
कानून नहीं दिये। इसके चलते लोग फिर
तथाकथित अवैध निर्माण के माध्यम से अपने मकान, दुकान
बनाने को मजबूर रहे। आज की स्थिति यह है कि कहीं शिकायतों के चलते, कहीं
रिश्वत न दे पाने की मजबूरी के कारण तो कहीं कोर्ट के हस्ताक्षेप के कारण लाखों
परिवारों के मकान दिल्ली नगर निगमों द्वारा अवैध निर्माण के लिए चिन्हित कर लिये
गये हैं। इस सबके चलते दिल्ली के नागरिकों
में भारी रोष बना रहता है।
यह आवश्यक है कि सरकार दिसम्बर 2014
तक दिल्ली में बने सभी निर्माणों को संरक्षित करें और अविलम्ब दिल्ली में भवन
निर्माण कानून लाये जायें और सभी अनधिकृत कालोनियों को नियमित किया जाये।
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