रसायन और उर्वरक राज्यमंत्री हंसराज गंगाराम अहीर ने कहा कि
सरकार उद्योग के साथ काम करने की इच्छुक है और निर्माण गतिविधियों को बढ़ाने के
लिए नीतियों में उचित संशोधन करना चाहती है। नई दिल्ली में आज भारतीय उद्योग
परिसंघ द्वारा आयोजित 12वें राष्ट्रीय फार्मास्यूटिकल
सम्मेलन में अहीर ने कहा कि आवश्यकता
इस बात की है कि उद्योग अनुसंधान पर अधिक ध्यान दें और देश के तकनीकी रूप से
प्रशिक्षित मानव श्रम का पूरा इस्तेमाल करें।
दो दिवसीय सम्मेलन के दौरान देश की फार्मा एसोसिएशनों-इंडियन फार्मास्यूटिकल एसोसिएशन, इंडियन ड्रग्स मेन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन, ऑर्गनाइजेशन ऑफ फार्मास्यूटिकल प्रोड्यूसर्स ऑफ इंडिया और बल्क ड्रग मेन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन को एक मंच पर देखने का अवसर मिला। फॉर्मा शिखर सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में एसोसिएशनों के वरिष्ठ प्रतिनिधि मौजूद थे।
फार्मास्यूटिकल्स विभाग में सचिव डॉ. वी.के. सुब्बुराज ने कहा कि यह कार्य करने का समय है न कि एक अन्य सिफारिशें तैयार करने का समय। उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार और उद्योग को एक साथ बैठकर यह तय करना चाहिए कि इस क्षेत्र को कम विकास दर से बाहर निकालने के लिए क्या किये जाने की जरुरत है। उन्होंने देश को प्रतिष्ठा दिलाने और आर्इटी के बाद विदेशी मुद्रा अर्जित करने वाला दूसरा सबसे बड़ा क्षेत्र बनने के लिए फॉर्मा उद्योग को बधाई दी। उन्होंने कहा कि हालांकि देश में फॉर्मा क्षेत्र आगे बढ़ा है लेकिन चिकित्सा उपकरणों के मामले में स्थिति ऐसी नहीं है। देश अभी भी नैदानिक उपकरणों की अपनी अधिकतर जरुरतों को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भर करता है। उन्होंने देश में उपकरणों के विकास की गति धीमी होने के कारण स्वास्थ्य सेवाओं की उच्च लागत का जिक्र किया और उद्योग से इन कमियों को दूर करने के लिए कार्य करने को कहा।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में अपर सचिव और केन्द्र सरकार स्वास्थ्य योजना के महा निदेशक नवरीत सिंह कांग ने कहा कि अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन देना जरुरी है।
दो दिवसीय सम्मेलन के दौरान देश की फार्मा एसोसिएशनों-इंडियन फार्मास्यूटिकल एसोसिएशन, इंडियन ड्रग्स मेन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन, ऑर्गनाइजेशन ऑफ फार्मास्यूटिकल प्रोड्यूसर्स ऑफ इंडिया और बल्क ड्रग मेन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन को एक मंच पर देखने का अवसर मिला। फॉर्मा शिखर सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में एसोसिएशनों के वरिष्ठ प्रतिनिधि मौजूद थे।
फार्मास्यूटिकल्स विभाग में सचिव डॉ. वी.के. सुब्बुराज ने कहा कि यह कार्य करने का समय है न कि एक अन्य सिफारिशें तैयार करने का समय। उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार और उद्योग को एक साथ बैठकर यह तय करना चाहिए कि इस क्षेत्र को कम विकास दर से बाहर निकालने के लिए क्या किये जाने की जरुरत है। उन्होंने देश को प्रतिष्ठा दिलाने और आर्इटी के बाद विदेशी मुद्रा अर्जित करने वाला दूसरा सबसे बड़ा क्षेत्र बनने के लिए फॉर्मा उद्योग को बधाई दी। उन्होंने कहा कि हालांकि देश में फॉर्मा क्षेत्र आगे बढ़ा है लेकिन चिकित्सा उपकरणों के मामले में स्थिति ऐसी नहीं है। देश अभी भी नैदानिक उपकरणों की अपनी अधिकतर जरुरतों को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भर करता है। उन्होंने देश में उपकरणों के विकास की गति धीमी होने के कारण स्वास्थ्य सेवाओं की उच्च लागत का जिक्र किया और उद्योग से इन कमियों को दूर करने के लिए कार्य करने को कहा।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में अपर सचिव और केन्द्र सरकार स्वास्थ्य योजना के महा निदेशक नवरीत सिंह कांग ने कहा कि अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन देना जरुरी है।
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