राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस समारोह के सिलसिले में एनर्जी सेवर्स नामक एक नया पोर्टल शुरू किया जाएगा। राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस का आयोजन घरों, कार्यालयों और उद्योगों तक ऊर्जा खपत की प्रवृत्ति को सीमित करने का सशक्त संदेश देने के किया जाता है।
विद्युत, कोयला और नवीन तथा नवीकरणीय ऊर्जा विभाग के मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पीयूष गोयल विगत वर्ष के संबंधित सर्वश्रेष्ठ ऊर्जा कार्य प्रदर्शन हासिल करने वाले उद्योगों, भवनों, उपकरण विनिर्माताओं को राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार प्रदान करेंगे और देशभर में आयोजित किए गए ऊर्जा संरक्षण चित्रकला प्रतियोगिताओं के विजेता बच्चों को राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार भी प्रदान करेंगे। राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस समारोह रविवार 14 दिसंबर 2014 को नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा।
नए पोर्टल से स्कूली बच्चों को, अपने घरों, स्कूलों और पड़ोस में स्कूल स्तर की गतिविधियों के जरिए ऊर्जा संरक्षण कार्य शुरू करने के लिए प्रेरित किए जाने का प्रस्ताव है। वेब पोर्टल की प्रमुख विशेषताएं हैं; समाज के सभी वर्गों के स्कूली बच्चों में व्यापक जागरूकता विकसित करना और उन तक पहुंचना; वेब पोर्टल के लाइव होने के समय देश के हर एक राज्य के कम से कम एक स्कूल को पोर्टल से जोड़कर स्कूली बच्चों/अध्यापकों के साथ प्रत्यक्ष विचार विमर्श करना; यह पोर्टल स्कूल समुदाय के सदस्यों के बीच ऊर्जा कुशलता की संस्कृति का समर्थन और प्रसार करना तथा उन्हें अपने आप ऊर्जा संरक्षण गतिविधियां चलाने में मदद करना और अभिभावकों, अध्यापकों, मित्रों और पड़ोसियों समेत स्कूली बच्चों के साथ नजदीकी वातावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाना; पोर्टल ऊर्जा क्लबों के विकास, स्कूलों में ऊर्जा अंकेक्षण और बचत पर आधारित प्रतियोगिताओं और निबंध प्रतियोगिता आदि के जरिए पोर्टल से स्कूली बच्चों के बीच विचार विमर्श में मदद देना; प्रतियोगिताओं और गतिविधियों में कामयाबी हासिल करने वाले बच्चों की उपलब्धि को मान्यता और उन्हें बीयूएसएस लेबल के उत्पाद पुरस्कार में देना तथा उन्हें ऐसे खिताब देना जो उनकी प्रगतिशील उपलब्धियों को मान्यता दिला सके; इस पोर्टल को बाद में क्षेत्रीय भाषाओं में भी विकसित जाएगा ताकि देशभर में इसकी अधिक से अधिक पहुंच बन सके; पोर्टल अंतत: देशभर में लगभग 50,000 स्कूलों के साथ जुड़ जाएगा और ऊर्जा संरक्षण और ऊर्जा कुशलता की आवश्यकता पर व्यापक जागरूकता विकसित करेगा; बेहतर कार्य प्रदर्शन करने वाले स्कूलों/अधिक उपलब्धि हासिल करने वाले बच्चों को बाद के वर्षों में राष्ट्रीय ऊर्जा सरंक्षण पुरस्कारों के लिए शामिल किया जा सकता है।
इस वर्ष राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कारों के लिए औद्योगिक और वाणिज्यिक इकाइयों की सहभागिता अत्यंत प्रोत्साहनात्मक रही है। यह बढ़ते भागीदारी स्तर (1999 में 123 से 2014 में 1010) से स्पष्ट होता है। वर्तमान वर्ष के पुरस्कार की स्कीम में तीन नए क्षेत्रों को लागू किया गया है। ये हैं विश्वविद्यालय और इंजीनियरिंग संस्थान भवन, विद्युत वितरण कंपनियां और राज्य सड़क परिवहन निगम और प्राधिकरण। इस वर्ष की पुरस्कार चयन समिति ने प्रथम पुरस्कार की 41 इकाइयां, दूसरे पुरस्कार के लिए 37 इकाइयां और मेरिट सर्टिफिकेट के लिए 44 इकाइयां चुनी हैं।
ऊर्जा संरक्षण चित्रकला प्रतियोगिताओं के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कारों का चयन किया जाता है। इसके लिए स्कूली बच्चों में प्रतियोगिता में शामिल होने का बेहद उत्साह रहा। इस वर्ष 1.01 लाख स्कूलों से 60.17 लाख विद्यार्थियों ने देशभर में स्कूल स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग लिया (2013 में 90,000 स्कूलों के 45.07 विद्यार्थियों के मुकाबले)। इनमें से 3700 विद्यार्थियों ने (प्रत्येक राज्य से 100) राज्य स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग लिया और प्रत्येक राज्य से सर्वश्रेष्ठ तीन (चौथी से छठी कक्षा की श्रेणी में) राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में शामिल होंगे। प्रत्येक पुरस्कार विजेता विद्यार्थी को एक प्रमाण पत्र और नगद पुरस्कार दिया जाता है।
विद्युत, कोयला और नवीन तथा नवीकरणीय ऊर्जा विभाग के मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पीयूष गोयल विगत वर्ष के संबंधित सर्वश्रेष्ठ ऊर्जा कार्य प्रदर्शन हासिल करने वाले उद्योगों, भवनों, उपकरण विनिर्माताओं को राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार प्रदान करेंगे और देशभर में आयोजित किए गए ऊर्जा संरक्षण चित्रकला प्रतियोगिताओं के विजेता बच्चों को राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार भी प्रदान करेंगे। राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस समारोह रविवार 14 दिसंबर 2014 को नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा।
नए पोर्टल से स्कूली बच्चों को, अपने घरों, स्कूलों और पड़ोस में स्कूल स्तर की गतिविधियों के जरिए ऊर्जा संरक्षण कार्य शुरू करने के लिए प्रेरित किए जाने का प्रस्ताव है। वेब पोर्टल की प्रमुख विशेषताएं हैं; समाज के सभी वर्गों के स्कूली बच्चों में व्यापक जागरूकता विकसित करना और उन तक पहुंचना; वेब पोर्टल के लाइव होने के समय देश के हर एक राज्य के कम से कम एक स्कूल को पोर्टल से जोड़कर स्कूली बच्चों/अध्यापकों के साथ प्रत्यक्ष विचार विमर्श करना; यह पोर्टल स्कूल समुदाय के सदस्यों के बीच ऊर्जा कुशलता की संस्कृति का समर्थन और प्रसार करना तथा उन्हें अपने आप ऊर्जा संरक्षण गतिविधियां चलाने में मदद करना और अभिभावकों, अध्यापकों, मित्रों और पड़ोसियों समेत स्कूली बच्चों के साथ नजदीकी वातावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाना; पोर्टल ऊर्जा क्लबों के विकास, स्कूलों में ऊर्जा अंकेक्षण और बचत पर आधारित प्रतियोगिताओं और निबंध प्रतियोगिता आदि के जरिए पोर्टल से स्कूली बच्चों के बीच विचार विमर्श में मदद देना; प्रतियोगिताओं और गतिविधियों में कामयाबी हासिल करने वाले बच्चों की उपलब्धि को मान्यता और उन्हें बीयूएसएस लेबल के उत्पाद पुरस्कार में देना तथा उन्हें ऐसे खिताब देना जो उनकी प्रगतिशील उपलब्धियों को मान्यता दिला सके; इस पोर्टल को बाद में क्षेत्रीय भाषाओं में भी विकसित जाएगा ताकि देशभर में इसकी अधिक से अधिक पहुंच बन सके; पोर्टल अंतत: देशभर में लगभग 50,000 स्कूलों के साथ जुड़ जाएगा और ऊर्जा संरक्षण और ऊर्जा कुशलता की आवश्यकता पर व्यापक जागरूकता विकसित करेगा; बेहतर कार्य प्रदर्शन करने वाले स्कूलों/अधिक उपलब्धि हासिल करने वाले बच्चों को बाद के वर्षों में राष्ट्रीय ऊर्जा सरंक्षण पुरस्कारों के लिए शामिल किया जा सकता है।
इस वर्ष राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कारों के लिए औद्योगिक और वाणिज्यिक इकाइयों की सहभागिता अत्यंत प्रोत्साहनात्मक रही है। यह बढ़ते भागीदारी स्तर (1999 में 123 से 2014 में 1010) से स्पष्ट होता है। वर्तमान वर्ष के पुरस्कार की स्कीम में तीन नए क्षेत्रों को लागू किया गया है। ये हैं विश्वविद्यालय और इंजीनियरिंग संस्थान भवन, विद्युत वितरण कंपनियां और राज्य सड़क परिवहन निगम और प्राधिकरण। इस वर्ष की पुरस्कार चयन समिति ने प्रथम पुरस्कार की 41 इकाइयां, दूसरे पुरस्कार के लिए 37 इकाइयां और मेरिट सर्टिफिकेट के लिए 44 इकाइयां चुनी हैं।
ऊर्जा संरक्षण चित्रकला प्रतियोगिताओं के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कारों का चयन किया जाता है। इसके लिए स्कूली बच्चों में प्रतियोगिता में शामिल होने का बेहद उत्साह रहा। इस वर्ष 1.01 लाख स्कूलों से 60.17 लाख विद्यार्थियों ने देशभर में स्कूल स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग लिया (2013 में 90,000 स्कूलों के 45.07 विद्यार्थियों के मुकाबले)। इनमें से 3700 विद्यार्थियों ने (प्रत्येक राज्य से 100) राज्य स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग लिया और प्रत्येक राज्य से सर्वश्रेष्ठ तीन (चौथी से छठी कक्षा की श्रेणी में) राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में शामिल होंगे। प्रत्येक पुरस्कार विजेता विद्यार्थी को एक प्रमाण पत्र और नगद पुरस्कार दिया जाता है।
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