नई दिल्ली,29 अप्रैल,आकाश द्विवेदी।उत्तरी दिल्ली नगर निगम के आयुक्त, प्रवीण गुप्ता ने आज कहा कि डेंगू या चिकनगुनिया का कोई उपचार उपलब्ध नहीं है। इसकी रोकथाम ही इसका इलाज है। इसलिए जरूरी है कि मच्छरों को पनपने से रोक कर ही इन जानलेवा बीमारियों को रोका जाये। इन बीमारियों के लिए जिम्मेदार एडीज़ मच्छर का जीवनचक्र 7 दिन के लगभग होता है। इनका जीवन चक्र टूट जायेगा, यदि हम सप्ताह में एक दिन भी नियमित रूप से कूलर पोंछ कर साफ कर लें तो मच्छर नहीं पनपेंगे।’’
इसलिए उन्होंने कहा कि डेंगू की रोकथाम के लिए घरों/परिसरों व कार्य स्थलों पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कार्यालय व कार्य स्थलों में मच्छरों का प्रजनन अत्यंत चिंता का विषय है। अतएव, डेंगू की रोकथाम में नागरिकों का सहयोग आवश्यक है।
गुप्ता ने सभी सरकारी एवं स्थानीय संस्थानों के कार्यालयों, शैक्षिक संस्थानों, राज्य सरकार के कार्यालयों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों, मार्केट एसोसियेशनों तथा नागरिकों से डेंगू की राकथाम हेतु दिल्ली में मच्छरों के प्रजनन को रोकने के उपाय करने की अपील की। उन्होंने कहा कि मच्छर जनित बीमारियों पर प्रभावशाली नियंत्रण तब तक असंभव है जब तक नागरिक मच्छरों की उत्पत्ति रोकने हेतु अपने घरों तथा कार्यालय परिसरों व उनके आसपास उपाय नहीं किये जायेंगे।
प्रवीण गुप्ता ने आगे कहा कि सभी बड़े संस्थानों एवं परिसरों में निरीक्षण के लिये नोडल अधिकारी नियुक्त किये जायें जो उपरोक्त उपाय करे और की गई कार्यवाही को दर्ज करने के लिए उनके पास एक रजिस्टर हो जिसमें निरीक्षण की जगह का नाम, दिनांक और समय का पूर्ण ब्यौरा हो। इस रजिस्टर को विभागाध्यक्ष हर माह जांच करें।
निगमायुक्त, गुप्ता ने कहा यद्यपि नगर निगम अपनी ओर से सभी संभव उपाय कर रही है चाहे वे मच्छर प्रजनन विरोधी कार्यक्रम हो अथवा घर-2 जाकर डोमेस्टिक ब्रिडिंग चैकरों के द्वारा मच्छरों की उत्पति की जांच अथवा नागरिकों को जागरूक करने का कार्य हो, फिर नागरिकों का सहयोग अत्यन्त महत्वपूर्ण है। इसका मुख्य कारण डेंगू के लिए उत्तरदायी मच्छर सम्भवतः साफ पानी में एक निश्चित तापमान में ही होता है।
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