नई दिल्ली 21 अप्रैल,आकाश द्विवेदी। शिरोमणि अकाली दल दिल्ली के महासचिव हरविंद्र सिंह सरना ने शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान अवतार सिंह मक्कड़ व श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह में चलती ठंडी जंग पर गहरी चिंता का प्रगटावा करते कहा कि आपसी तनाव को लेकर दोनों ही पंथ की कचहरी के आरोपी हैं फिर भी शिरोमणि कमेटी के प्रधान मक्कड़ ने जत्थेदार के अधिकारों पर टिप्पणी करके मर्यादा की उल्लंघना ही नहीं कि बल्कि अकाल तख्त की सर्वउच्चता को चुनौती दी है जिसको लेकर जत्थेदार को चाहिए है कि मक्कड़ को बिना किसी देरी से अकाल तख्त साहिब पर तलब करके उसके विरूद्ध मर्यादा अनुसार कार्रवाई करें। जारी एक ब्यान में सरना ने कहा कि शिरोमणि कमेटी प्रधान मक्कड़ व जत्थेदार अकाल तख्त ज्ञानी गुरबचन सिंह बादलों की नजरों में अच्छे बनने की कोशिश करते आपस में उलझ कर तख्त साहिब की मर्यादा व परम्पराओं का शोषण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मक्कड़ द्वारा दिया गया ब्यान कि जत्थेदार को शिरोमणि कमेटी के सचिवों और मैनेजरों की मीटिंग बुलाने का कोई अधिकार नहीं है, स्पष्ट करता है कि मक्कड़ को जत्थेदार पर विश्वास नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि जत्थेदार तख्त साहिब की मान-मर्यादा को बहाल रखने में नाकाम रहा है तो शिरोमणि कमेटी की कार्यकारिणी कमेटी अपने अधिकारों का प्रयोग करके बिना किसी देरी से जत्थेदार को पद से हटाएं। उन्होंने कहा कि मक्कड़ द्वारा दिया गया ब्यान मर्यादा अनुसार श्री अकाल तख्त साहिब की सर्वउच्चता को सीधी चुनौती है क्योंकि जत्थेदार सर्वउच्च है व उसको आदेश करने के अधिकार मर्यादा अनुसार मिले हैं और वह मीटिंग के लिए शिरोमणि कमेटी के सचिवों व मैनेजरों की ही मीटिंग बुलाने का अधिकार नहीं रखता बल्कि पंथ संस्थाओं के प्रबंधकों की मीटिंग भी बुला सकता है। उन्होंने कहा कि मक्कड़ यह भी स्पष्ट करें कि जितने व्यक्ति भी अब तक श्री अकाल तख्त साहिब पर तलब किये गये हैं क्या वह शिरोमणि कमेटी से इजाजत लेकर किये गये हैं? उन्होंने कहा कि मक्कड़ का गुनाह बर्दाशत से बाहर है व उससे इस्तीफा लिया जाना चाहिए। AKASH DWIVEDI
Thursday, April 21, 2016
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