Thursday, April 21, 2016

बाबा बंदा सिंह बहादर का राज गुरुनानक देव जी के सरबत के भले के सिद्धांत पर पहरा देने वाला राज था- जी.के.

पंथक शिक्षा देने के लिए कमेटी द्वारा उठाये जा रहे कदम ऐतिहासिक: कालका नई दिल्ली,21 अप्रैल,आकाश द्विवेदी।बाबा बंदा सिंह बहादर की तीसरी शहीदी शताब्दी को समर्पित विशेष गुरमति समागम गुरुद्वारा श्री गुरु गोबिन्द सिंह सभा, तुगलकाबाद ऐक्सटैंशन में करवाया गया। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा करवाये गये इस समागम में गुरबाणी विरसा संभाल स्त्री सत्संग सभा, प्रसिद्ध रागी भाई सरबजीत सिंह दुर्ग वाले एवं श्री दरबार साहिब के हजूरी रागी भाई इन्द्रजीत सिंह बम्बई वालों ने गुरबाणी कीर्तन द्वारा संगतों को निहाल किया। कमेटी अध्यक्ष मनजीत सिंह जी.के. एवं पूर्व विधायक तथा स्कूली शिक्षा कमेटी के चेयरमैन हरमीत सिंह कालका ने संगतों को संबोधित करते हुए बाबा जी की लासानी शहीदी शहादत को मनाने के लिए कमेटी द्वारा की जा रही पहलकदमीयों की जानकारी दी। जी.के. ने कहा कि बाबा बंदा सिंह बहादर सिख कौम के महान जरनैल एवं महान शहीद हैं पर इतिहासकारों ने सिखी को उनकी देन को संगतों तक पहुंचाने के लिए वह तत्परता नहीं दिखाई जो दूसरे धर्मां के बादशाह या शहीदों की देन को पहुंचाने में दूसरे इतिहासकारों ने दिखाई है। मौजूदा समय में किसानों की दयनीय हालातों का जिक्र करते हुए अलग-अलग सरकारों द्वारा किसानों को सहारा देने के लिए की जा रही कोशिशों की बाबा जी के राज से तुलना करते हुए जी.के. ने उक्त कोशिशों को नाकाफी बताया। बाबा जी द्वारा खेतीहर मजदूरों को जमीनों का मालिक बनाने जैसे उठाये गये इन्कलाबी कदमों से सरकारों को नसीहत लेने की भी जी.के. ने सलाह दी। जी.के. ने कहा कि बाबा जी का राज गुरुनानक देव जी के सरबत के भले के सिद्धांत पर पहरा देने वाला राज था। कालका ने कमेटी द्वारा धर्मप्रचार को सामने रख कर शिक्षण कैलण्डर में किये गये बदलावों का श्रेय कमेटी प्रधान मनजीत सिंह जी.के. की अग्रणी सोच को देतेे हुए उक्त सुधारों को ऐतिहासिक करार दिया। कालका ने कहा कि कमेटी ने स्कूलों के गोल्डन जुबली वर्ष में गुरू साहिबानों के प्रकाशपर्व एवं चुनींदा शहीदी दिवसों पर स्कूल में आवश्यक छुट्टी करके स्कूलों की स्थापना के पीछे के पंथक शिक्षा देने के हमारे बुर्जुगों के लक्ष्य को प्राप्त करने का जो यत्न किया है वह स्कूलों एवं विद्यार्थियों के भविष्य के लिए मील का पत्थर साबित होगा। कमेटी के इन यत्नों से बच्चों को धर्म एवं गुरू साहिबानों के बारे में अधिक जानकारी मिलने का भी कालका ने दावा किया। इस अवसर पर जी.के. ने मल्टीमीडिया साधनों द्वारा गुरबाणी की जा रही डाउनलोडिंग सुविधा का भी जायजा लिया।

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