सभी धर्मों के बीच
सामंजस्य स्थापित करने के लिये सरकार और समाजिक संस्थाएं समय-समय पर कई तरह के
समाजिक प्रयास करती हैं,लेकिन देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक रोड़ ऐसी भी है जो सभी
धर्मो के बीच सामंजस्य का अनूठा उदाहरण पेश करती है। यह सड़क बिल्कुल दिल्ली के
मध्य में स्थित है,लेकिन हैरानी की बात यह है कि दिल्ली के
लोग ऐसी किसी जगह से बिल्कुल अंजान हैं।दिल्ली में धार्मिक सौहार्द का अनूठा उदाहरण
पेश करने वाली जगह का नाम है बाबा खड़क सिंह मार्ग।सह मार्ग वर्तमान में विभिन्न
राज्यों के भवनो के लिये जाना जाता है।
बाबा खड़क सिंह मार्ग के प्रारम्भ होते ही बाई और प्राचीन हनुमान
मंदिर है।यह मंदिर 13 वीं शताब्दी से भी पुराना है।इस मंदिर के कनाट प्लेस में
होने के वजह से यहां हमेशा श्रध्दालुओं का तांता लगा रहता है।श्रद्लुओं की यह भीड़
मंगलवार और शनिवार को कुछ ज्यादा ही रहती है।हनुमान मंदिर के साथ ही बाबा
विश्वेश्वर नाथ शिव मंदिर है।यह मंदिर भी हनुमान मंदिर ही जितना पुराना है।
दोनों मंदिरो से थोड़ा आगे चलने पर दाई ओर मस्जिद जामा है।इस मस्जिद
के बारे में कहां जाता है कि यह मस्जिद मुगल काल की है।शुक्रवार को इस मस्जिद में
भारी तादाद में नवाजी आते है।मस्जिद से आगे बढ़ने पर बाई ओर गुरुद्वारा बंगला
साहिब है।यह गुरुद्वारा देश और दिल्ली के प्रमुख गुरुद्वारों में से एक है।रोजाना
भारी संख्या में सभी धर्मों के लोग यहां आते है।
गुरुद्वारा बंगला साहिब से दाई ओर चलने पर सेकरेड़ हट
केथेड्रल चर्च है। यह चर्च दिल्ली के नामी-गिरामी चर्चों में से एक है।वैसे तो
यहां ईसाई श्रध्दालु रोज़ ही आते है लेकिन रविवार के दिन यहां ईसाई श्रद्दालुओं की
तादात बढ़ जाती है।
बाबा खड़क सिंह मार्ग के
दिल्ली के बीचों-बीच होने की वजह से विदेश से आने वाले लोग भी इन सभी दार्शनीक
स्थलों पर भारी संख्या में आते है।
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