नई दिल्ली,आकाश द्विवेदी। उत्तर भारत से आम की आवक बढ़ने के कारण राजधानी की मंडियों में आम,खरबुज और तरबुज की थोक कीमत में गिरावट देखी जा रही है। पिछले चार से पांच दिनों के अंदर थोक कीमत में अधिकतम पांच से सात रुपये की कमी आई है। हांलाकि मंडियों में मौसमी फलों के दाम में कमी मई के दूसरे सप्ताह से ही प्रारंभ हो गई थी और उस समय आम का दाम 55 रुपये प्रति किलो तक रहा है आम मौजूदा समय में 25 रुपये तक बिक रहा है। यहां तक आमों के राजा अलफांसो की कीमत भी एक सप्ताह के अंदर प्रति किलो 75 रुपये से घटकर 55 रुपये तक रह गई है।इसके साथ ही खरबुज और तरबुजके दामों में भी गिरावट देखी गयी है खरबुज पहले 30 रुपये किलो बिक रहा था जो जिसका दाम अब 15 से 18 रुपये के बीच है, तरबुज के दाम में भी गिरावट आयी है पहले यह 35 रुपये था अब 15 रुपये प्रति किलो बिक रहा है।
आजादपुर मंडी के के थोक कारोबारियों के अनुसार अप्रैल से ही मंडी में दक्षिण भारत के मौसमी फलों की आवक प्रारंभ हो गई थी, लेकिन आवक कम होने व मांग ज्यादा होने के कारण थोक में कीमत बढ़ी हुई थी। ऐसा आम तौर पर हर सीजन में होता है,लेकिन जैसे ही उत्तर भारत के उत्तर प्रदेश के लखनऊ, मलिहाबाद, सहारनपुर, उत्तराखंड सहित अन्य राज्यों से मौसमी फलों की आवक बढ़ती है तो कीमत नीचे उतरने लगती है।
मंडी सूत्रों ने बताया कि रविवार को आजादपुर मंडी में आम की आवक 33 हजार ,खरबुज की आवक 40 हजार,तरबुज की आवक 35 हजार क्विंटल दर्ज की गई। इसके अलावा 2626 क्विंटल कच्चे आम की भी आवक रही। इनमें 65 फीसद से अधिक आम की आवक उत्तर भारत से रही।
जबकि दो दिन पूर्व मंडी में करीब 3 हजार क्विंटल आम 5 हजार क्विंटल खरबुज, 8 हजार क्विंटल तरबुज की आवक रही थी। मंडी में मौजूदा समय में दशहरी, तोतापरी, सुर्खा आम की आवक हो रही है, जो अधिकतम 20 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रहा है। जबकि चार पांच दिन पूर्व तक इसकी कीमत अधिकतम 30 रुपये थी। खुदरा बाजार में भी आम अधिकतम 40 रुपये प्रति किलो के दर से मिल रहा है।वर्तमान में दक्षिण भारत से मौसमी फलों की आवक में कमी आई है,लेकिन उत्तर भारत से जैसे-जैसे मौसमी फलों की आवक बढे़गी, वैसे-वैसे कीमत में गिरावट आएगी। स्वाद में बेहतर होने के कारण उत्तर भारत के लोग मौसमी फलों को खूब पसंद करते हैं।
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