नई दिल्ली,आकाश द्विवेदी।दिल्ली में अवैध मोबाइल टावरों को
कारोबार तेजी से बढ़ रहा है। मोबाइल सुविधा उपलब्ध कराने वाली कंपनी लोगों को
मोबाइल टावर लगाने के एवज में मोटी रकम देती है। अवैध रुप से लगने वाले इन मोबाइल
टावरों के कारण पर्यावरण को लगातार क्षति पहुंच रही है।दिल्ली में लगने वाले कई
मोबाइल टावर निजी अस्पतालों,रिहायशी इलाकों और स्कूलों की
छतों पर लगे है। नगर निगम ने इन्हें स्वीकृति प्रदान नहीं की है।
नगर निगम ने वर्ष
2010 में जो पालिसी लागू की थी उसके हिसाब
से नर्सिंग होम, शिक्षा संस्थानों, सरकारी और निजी अस्पतालों पर
मोबाइल टावर नहीं लगाए जा सकते हैं, लेकिन राजधानी में बड़ी
संख्या शिक्षा संस्थानों, सरकारी और निजी अस्पतालों, नर्सिंग होम पर अवैध मोवाइल टावर लगे है।
इस सन्दर्भ में नगर निगम
के अधिकारियों का कहना है कि अवैध रूप से लगे
मोबाइल टावर संचालकों को नोटिस भेजे जा रहे हैं।अवैध टावरो पर जल्दी ही
सीलिंग की कार्रवाई शुरू की जाएगी। नगर निगम द्रारा एक साल के अंदर अस्पतालों व
स्कूलों के ऊपर लगे 209 मोबाइल टावरों को सील किया गया है।नगर निगम आगे भी अवैध
मोबाइल टावरों पर कार्रवाई जारी रखेगा।
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