नई दिल्ली,आकाश द्विवेदी।राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा
राजे ने प्रदेश में आधारभूत संरचना विकास के लिए विदेशी निवेशकों द्वारा प्रदर्शित
की जा रही रूचि का स्वागत करते हुए कहा है कि इच्छुक निवेशकों, विशेष कर जापान और यू.के. के साथ साझा रणनीति तैयार करने के लिए एक समग्र
रोडमेप तैयार करने की जरूरत है।
राजे सोमवार को नई दिल्ली में इंडिया सेन्टर
फाउण्डेशन और इंडिया इन कार्पोरेट द्वारा जापान एवं यू.के. के निवेशकों द्वारा
राजस्थान में निवेश की संभावनाओं पर आयोजित संयुक्त प्रस्तुतीकरण बैठक को सम्बोधित
कर रही थी। उन्होंने कहा कि क्षेत्राफल की दृष्टि से भारत के सबसे बड़े प्रदेश
राजस्थान का समग्र विकास हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।प्रदेश में सोलर
ऊर्जा सड़क नगरीय विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यटन, जल संसाधन, कृषि आदि
विभिन्न क्षेत्रों में आधारभूत विकास संरचना विकास के लिए निवेश की व्यापक
संभावनाएं मौजूद हैं।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि दिल्ली-मुम्बई
औद्योगिक एवं रेल फ्रेट कोरीडोर का लगभग 38 प्रतिशत हिस्सा राजस्थान से गुजरेगा।
साथ ही इसके समानान्तर और भी कोरीडोर विकसित होना प्रस्तावित है। देश की राजधानी
दिल्ली से नजदीक होने से कई देशी-विदेशी निवेशक राजस्थान की ओर आकर्षित हो रहे
हैं। उन्होंने कहा कि नीमराना में विकसित किए गये ‘जापानी -जोन’ में हम पहले से ही जापान के साथ काम कर रहे हैं। नीमराना के निकट गिलोट
में दूसरा जापानी जोन और दक्षिण कोरियाई जोन भी प्रस्तावित है।
रेगिस्तान प्रधान राजस्थान की अपनी अलग
भौगोलिक परिस्थितियाँ हैं, जिसमें आधारभूत संरचना विकास किसी चुनौती से कम
नहीं है। इसलिए यह जरूरी नहीं है कि इस क्षेत्र में अन्य राज्यों में किए गये
कार्य राजस्थान की परिस्थितियों के अनुकूल व्यावहारिक धरातल पर खरे उतर सके। अतः
राजस्थान में निवेश के लिए एक समग्र दृष्टिकोण को अपना कर व्यापक रणनीति और रोडमेप
बनाना जरूरी है। उन्होंने सुझाव दिया कि यू.के. और जापान के प्रतिनिधि राज्य के मुख्य सचिव और अतिरिक्त
मुख्य सचिव के साथ प्रारंभिक चर्चा शुरू कर एक सर्वग्राह्य रोडमेप तैयार करे।
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