Monday, June 2, 2014

खटारा बसों के सहारे दिल्ली देहात के यात्री



नई दिल्ली,आकाश द्विवेदी। दिल्ली देहात में चलने वाली परिवहन निगम की बसो कि स्थिती पूरी तरह से चरमराई हुई है। बसों के इन्तेजार में आज भी कई गावों के लोगों  को आने जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ता। दिल्ली देहात के सैकड़ों गांवों में आज भी बसों का अकाल पड़ा है। इन गांवों में दिल्ली परिवहन निगम की पुरानी बसें चल रही हैंमगर इनकी हालत ऐसी हैं कि ये बीच राह में दम तोड़ रही है। ऐसे में इन बसों में सफर कर रहे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

           पश्चिमी दिल्ली के सैकड़ों ऐसे गांव हैं
जहां पर पहले तो बसों की भारी किल्लत है। जिन गांवों में कुछ बसें चल भी रही हैं। मगर इन बसों में सफर कर रहे यात्रियों को आराम के बजाय परेशानी अधिक झेलनी पड़ रही है। पश्चिमी दिल्ली के तीन ऐसे डिपो हैं जहां पुरानी बसों को गांव देहात के लिए चलाया जा रहा है। ये डिपो हैं हरि नगरघुम्मन हेड़ा और ढिचाऊ कलां। इनमें सौ से अधिक बसें गांवों में चल रही है। इन बसों में सफर करने वाले यात्रियों को गर्मी में झेलनी पड़ रही दोहरी मार झेलनी पड़ती है यात्रियों का कहना है कि एक तो ये बसें कहीं पर भी खराब हो जाती है। दूसरा उन्हें दूसरी बस के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है। इन खटारा बसों में सफर कर पैसे के साथ ही समय भी अधिक लग रहा है।ढिचाऊं कलां गाव में डीटीसी को डिपो बनाने के लिए जमीन दी गई,मगर दुख की बात है कि गांव की 10 हजार जनसंख्या के बावजूद यहां बसों को भारी अकाल है। जो बसें है वे खस्ता हाल हैं। कहीं पर भी खराब हो जाती है। गांव में एक भी लो-फ्लोर बस की सेवा नहीं है। 

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