नई दिल्ली,आकाश द्विवेदी।प्रतिबंधित समय के वावजूद लगातार
दिल्ली की सड़को पर भारी वाहन दौड़ रहे है।अगर दिल्ली में सड़क दुर्घटनाओं पर गौर
करे तो जितने लोग बस, टैंपो, ऑटो
रिक्शा आदि वाहनों की चपेट में नहीं आते, उससे कहीं ज्यादा
राजधानी में समय सीमा के बाद प्रवेश करने वाले ट्रक, डंपर,
टैंकरों के पहिये तले रौंदे जा रहे हैं।
राजधानी के
जोड़ने वाले नौ हाईवे से प्रतिदिन 13 लाख भारी वाहनों की आवाजाही होती है। इसके
पहले सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट की
एक रिपोर्ट में बताया जा चुका है कि यातायात से संबंधित दिल्ली में जो समस्या है
इसमें 15 फीसद भारी मालवाहक वाहनों के कारण हैं। अक्सर भारी वाहनों के कारण दिल्ली
के राष्ट्रीय राजमार्ग-दुर्घटनाये होती रहती है।इन दुर्घटनाओं में अब तक कई लोगों
की जाने जा चुकी है ऐर की लोग जख्मी हो चुके है।
यातायात पुलिस की मानें
तो सड़क दुर्घटना में जितने लोगों की मौत होती है इसमें 15 फीसद हिस्सा इन भारी
वाहनों का होता है। भारी वाहनों में भी जो प्रतिबंधित समय में दिल्ली की सीमा में
घुसते हैं तो पकड़े जाने से बचने के लिए गति-सीमा का भी पालन नहीं करते। ऐसे वाहनों
पर कार्रवाई की बात करें तो सिर्फ चंद रुपये का चालान होने से खौफ नहीं के बराबर
होता है।
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