नई दिल्ली,आकाश द्विवेदी।दिल्ली भाजपा के मीडिया संयोजक हरीश
खुराना ने उपराज्यपाल दिल्ली से मांग की है कि वे पूर्व की दिल्ली की कांग्रेस
सरकार से सांठगांठ रखने वाले डीईआरसी चेयरमैन को दिल्ली की जनता के हितों के
विपरीत कार्य करने के आरोप और दिल्ली की जनता को बिजली न मिलने के लिये तुरंत पद
से हटाने की सिफारिश करें।
खुराना ने राजधानी में
चल रही भयंकर बिजली किल्लत के लिये सीधे तौर पर कांग्रेस सरकार और आम आदमी पार्टी
की सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। मार्च महीने में सरकार और बिजली कंपनियों द्वारा
जारी समर एक्शन प्लाॅन अब कहां है? जब समर एक्शन प्लान बन रहा था तब सरकार के मुखिया
अरविंद केजरीवाल कहां थे? आज जबकि केन्द्र में दो हफ्ते की
सरकार है तब उस पर दिल्ली की बिजली किल्लत का ठीकरा थोपना कांग्रेस और आप के लिये
किस तरह जायज है।
भाजपा पिछले 15 वर्ष से
लगातार दिल्ली की कांग्रेस सरकार से मांग करती रही कि निजीकरण के बाद दिल्ली की
जनता को सातों दिन चैबीस घंटे बिजली दी जाये। बिजली प्राप्त करना जनता का मौलिक
अधिकार है। दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित की बिजली कंपनियों से
सांठगांठ रही, इसी कारण उनहोंने राजधानी की जनता का कोई ख्याल नहीं किया और बार बार
बिजली के दाम बढ़वाती रहीं। बिजली कंपनियों को उन्होंने जनता के हिस्से से सब्सिडी
दी। यही कार्य आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी किया।
उन्होंने बिजली कंपनियों को करोड़ों रूपये की सब्सिडी दी और अपना वह वायदा पूरा
नहीं किया जिसमें उन्होंने कहा था कि सरकार में आये तो बिजली के दाम आधे कर दिये
जायेंगे। अब कांग्रेस और आम आदमी पार्टी भाजपा को बिजली पानी के लिये निशाना बना
रही हैं। सच यह कि राजधानी की बिजली पानी किल्लत के लिये सीधे तौर पर कांग्रेस
सरकार और आम आदमी पार्टी की सरकार ही जिम्मेदार है। कांग्रेस सरकार ने पिछले 15
साल में दिल्ली की जरूरत को देखते हुये अतिरिक्त बिजली पैदा करने के लिये कोई ठोस
प्रयास नहीं किये।
इस प्लान में कहा गया था
कि गर्मियों के लिये दिल्ली की जनता के लिये 6000 मेगावाट बिजली की व्यवस्था कर ली
गई है। आज गर्मी ने दिल्ली के पिछले 62 साल का रिकार्ड तोड़ दिया है। पालम में
पारा 47.8 डिग्री चढ़ गया। दिल्ली के लोग भीषण गर्मी से परेशान हैं और बिजली
कंपनियां उन्हें कोई राहत नहीं प्रदान कर रही हैं। बिजली कंपनियों की नजर हर समय
दिल्ली के बिजली उपभोक्ताओं की जेब पर रहती है। इसी कारण बिजली चोरी रूकने पर भी
दिल्ली में बिजली के दाम नहीं घटाये गये। दिल्ली विश्वविद्यालय में इस समय प्रवेश
प्रक्रिया जारी है। लाखों छात्र छात्रायें डीयू में एडमिशन के लिये भीषण गर्मी में
घर से बाहर निकल रहे हैं ताकि वे अपना फार्म भरकर जमा कर सकें। हजारों छात्र ऐसे
हैं जिनके यहां कम्प्यूटर नहीं है। ये लोग साइबर कैफे का सहारा ले रहे हैं। साइबर
कैफे के मालिक उन्हें वापस लौटा रहे हैं क्योंकि उनके यहां बिजली नहीं आ रही है।
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