Akash Dwivedi नई दिल्ली,आकाश द्विवेदी। जल –जोड़ो अभियान एंव जल बिरादरी के संयुक्त तत् वधान
में नदी पुनर्जीवन पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का
आयोजन गांधी पिस फाउन्डेशन में किया जा रहा है।इस सम्मेलन का उद्देश्य भारत सरकार
का पक्ष जानना और जानकर सही दिशा में सहयोग की सम्भावनाये तलाशना है। यह कार्यक्रम
स्व.गोपीनाथ मुण्डे के साथ वार्ता करके तैयार हुआ था।केन्द्रीय मंत्री नितिन
गड़करी ने इस कार्यक्रम का उद्घाटन किया।साथ ही नदियों के पुनर्जीवन पर अपने विचार
रखें।
गडकरी ने कहा कि सरकार देशभर में चेक डैमों का निर्माण कर जल
संरक्षण को उच्च प्राथमिकता देगी। नदियों के पुनरूद्धार पर दो दिन की राष्ट्रीय
कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए उन्होंने बताया कि जल संरक्षण प्रणाली से पानी मिलने
पर खेतों में उत्पादकता तीन गुणा बढ़ जाएगी। इसके अलावा करीब 50 लाख
युवा लोगों को रोजगार मिलेगा तथा गरीबी दूर करने में सहायता मिलेगी। बंजर भूमि
पर प्रौद्योगिकी का अधिकतम उपयोग करते हुए छोटी परियोजनाओं की आवश्यकता पर बल
दिया जायेगा। मंत्री ने कहा कि बड़े बॉंधों में न केवल बड़ी पूंजी लागत आती है
बल्कि इनमें भूमि अधिग्रहण, विस्थापन
और समय पर पूरा करने की बाध्यता जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
जल परियोजनाओं के कार्य निष्पादन में देरी तथा भ्रष्टाचार को
सहन नहीं किया जाएगा और लेखांकन एवं सामाजिक आर्थिक प्रभाव आकलन के अलावा कार्य
आदेश के लिए ई-टेंडर तथा सेटलाइट आधारित निगरानी की जाएगी। गांवों के विकास के
लिए पानी मुहैया कराना बहुत जरूरी है और आजादी के 65 साल के बाद भी भारत के अधिकतर
गांवों में जल का अभाव है या दूषित जल मिलता है। नदियों के सफाई के सभी प्रयास
किए जाएंगे और उनका मंत्रालय गंगा और यमुना नदियों के लिए रोड मैप तैयार करने की
प्रक्रिया में है।
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