नई दिल्ली,12 मई,आकाश द्विवेदी। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के महापौर श्याम शर्मा ने प्रगति मैदान में दूसरी स्मार्ट सिटी इण्डिया-2016 एक्सपो में महापौर सम्मेलन को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भारत में स्थानीय शासन अर्थात् नगर निगमों का बहुत पुराना इतिहास है। दिल्ली में नगर निगम का गठन 1958 में संसद के कानून के जरिये किया गया था। उन्होंने कहा कि महानगरों में काॅलोनियों के विस्तार और बढ़ती जनसंख्या से नगर निगमों के सामने कई चुनौतियां सामने आयी हैं। शर्मा ने कहा कि उन्हें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने ऐसी चुनौतियों का सामना करने के लिए बड़े पैमाने पर आई.टी. का इस्तेमाल किया और दीर्घकालिक नीतियां बनायीं। उन्होंने कहा कि इससे अनुकूल परिवर्तन आया है।
शर्मा ने स्मार्ट सिटी की अवधारणा का उल्लेख करते हुए कहा कि देश में प्रथम चरण में 20 शहरों को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए चुना गया है। इस सूची में दिल्ली से नई दिल्ली नगरपालिका परिषद् को शामिल किया गया है। इसके बावजूद दक्षिणी दिल्ली नगर निगम अपने समूचे क्षेत्र का विकास स्मार्ट सिटी के मानदंड के अनुरूप कर रहा है। महापौर ने इस दिशा में किये गये प्रयासों का उल्लेख किया। इन प्रयासों में सम्पत्ति कर क्षेत्र में किये गये सुधार और आई.टी. का इस्तेमाल, पारम्परिक स्ट्रीट लाइट के स्थान पर एलईडी लाइट लगाकर 49 करोड़ रुपये और 5.5 करोड़ यूनिट बिजली बचाना तथा निगम की इमारतों और स्कूलों पर सोलर पैनल लगाकर 4 लाख यूनिट बिजली बचाना शामिल है। इन दोनों पहल से लगभग 42000 टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आयेगी। शर्मा ने यह भी कहा कि पार्कों में हरियाली के लिए रिसाइकल्ड पानी का इस्तेमाल, स्कूलों में अध्यापकों और विद्यार्थियों पर नजर रखने के लिए अनूठा सीसीटीवी नेटवर्क और मिड-डे मिल की गतिविधियों की निगरानी के लिए भी ऐसे ही नेटवर्क की सराहना की गयी है।
0 comments:
Post a Comment