1984 सिख कत्लेआम जैसे दंगें भड़काने की साजिश रचने का सिरसा ने केजरीवाल पर आरोप लगाया
नई दिल्ली,11 मई,आकाश द्विवेदी। दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग तथा शाहजहानाबाद रीडिवेल्पमेंट काॅरपोरेशन द्वारा दिल्ली हाईकोर्ट में गुरुद्वारा शीशगंज साहिब में अतिक्रमण के नाम पर पेश किये गये तथ्यों को दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने गुमराहपूर्ण तथा झूठा बताया है। कमेटी अध्यक्ष मनजीत सिंह जी.के. और महासचिव मनजिन्दर सिंह सिरसा ने आज प्रैस को गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब में संबोधित करते हुए इस संबंध में थाना नाॅर्थ ऐवेन्यू में कमेटी की ओर से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल, लोक निर्माण विभाग मंत्री सत्येन्द्र जैन तथा चांदनी चौक क्षेत्र की विधायिका एवं शाहजहानाबाद रीडिवेल्पमेंट काॅरपोरेशन की निदेशिका अल्का लांबा के खिलाफ संसारभर में बसते सिखों की धार्मिक भावनाऐं आहत करने और दंगा भड़काने की साजिश रचने की गंभीर धाराओं में मुकद्दमा दर्ज करवाने की जानकारी दी।
जी.के. ने बताया कि एक तरफ तो भाई मतिदास स्मारक को दिल्ली सरकार का पर्यटन विभाग चांदनी चौक की 8 नम्बर हैरीटेज प्रोपर्टी मानकर स्मारक पर अपने मंत्रालय के प्रतीक चिन्ह के साथ बोर्ड लगाता है और दूसरी तरफ दिल्ली सरकार का लोक निर्माण विभाग स्मारक को अतिक्रमण बताते हुए दिल्ली हाईकोर्ट से स्मारक तोड़ने का आदेश 28 मार्च 2016 को लेता है और इस आदेश पर कार्यवाही करने के लिए शाहजहानाबाद रीडिवेल्पमेंट काॅरपोरेशन की निदेशिका के तौर पर अल्का लांबा5 अप्रैल 2016 को विभिन्न स्थानीय निकायों के अधिकारियों की बैठक लेती है उसमें वह साफ तौर पर कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए दूसरे दिन 6 अप्रैल को सुबह 6 बजे धार्मिक ढांचे हनुमान मंदिर तथा भाई मतिदास स्मारक को तोड़ने का तुगलकी फरमान देती है जो कि इस बैठक के जारी किये गये मिन्टस में साफ हो जाता है।
जी.के. ने केजरीवाल द्वारा बतौर चेयरमैन 01 अप्रैल को शाहजहानाबाद रीडिवेल्पमेंट काॅरपोरेशन के अधिकारियों के साथ अल्का लांबा की मौजूदगी में ली गई बैठक का हवाला देते हुए इस संबंध में एक अंग्रेजी दैनिक में छपी खबर भी दिखाई जिसमें केजरीवाल चांदनी चैंक के अतिक्रमण को एक हफ्ते के अन्दर हटाने का अधिकारियों को निर्देश दे रहें हैं। जी.के. ने दिल्ली सरकार के दो विभागों में आपसी तालमेल ना होने का खामियाजा दिल्ली की सिख संगत द्वारा भुगतने का जिम्मेदार केजरीवाल की लचर कार्यशैली को बताते हुए केजरीवाल को सिखों से माफी मांगने की भी अपील की। जी.के. ने व्यंग्य करते हुए कहा कि यह देश की पहली सरकार है जो खुद ही किसी धार्मिक ढ़ांचे को हैरीटेज प्रोपर्टी की मान्यता देकर खुद ही उसे अदालत को अतिक्रमण बताकर उसे तोड़ने की गुहार लगाती है।
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