नई दिल्ली, 2 मई,आकाश द्विवेदी। बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, सांसद (राज्यसभा) व पूर्व मुख्यमंत्री,उत्तर प्रदेश मायावती ने ‘‘मई दिवस‘‘ के अवसर पर कल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व उत्तर प्रदेश की सपा सरकार द्वारा ख़ासकर ग़रीबों व मज़दूरों के हित की केवल मीठी-मीठी बनावटी व लुभावनी बातें करने की तीखी आलोचना करते हुये कहा कि इनकी कथनी और करनी में अन्तर के कारण लोगों का इन बातों पर विश्वास करना मुश्किल हो गया है।
मई दिवस के अवसर पर उत्तर प्रदेश के बलिया में उज्ज्वला कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुये प्रधानमंत्री द्वारा कल अपने आपको श्रमिक नम्बर वन घोषित किये जाने को हास्यास्पद बयान बताते हुये मायावती ने कहा कि इससे पहले कांग्रेस के नेता व मुख्यमंत्री आदि भी अपने आपको जनता का सेवक व मुख्य सेवक, कहकर जनता को लगातार वरगलाते रहे और अब उन्ही के नक्श-ए- क़दम पर चलकर नरेन्द्र मोदी भी जनता को भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं।
वास्तव में कांग्रेस व भाजपा दोनों ही पार्टियों की सरकारें देश में ग़रीबों व मज़दूरों के नाम पर केवल मुट्ठीभर बड़े-बड़े पूंपतियों व धन्नासेठों का ही भला करती रही हैं और उनसे प्राप्त धनबल के सहारे चुनाव तकर सत्ता पर काबिज़ होती रही हैं और यह किसी से छिपा हुआ नहीं है।
इसी प्रकार, उत्तर प्रदेश की सपा सरकार के मुखिया नेे केवल चार सरकारी निर्माण स्थलों पर वहाँ काम करने वाले मजदूरों के लिये दस रूपये में दोपहर के भोजन की व्यवस्था शुरू करने की घोषणा कल मई दिवस पर की है। परन्तु केवल सस्ती लोकप्रियता प्राप्त करने वाली इस प्रकार की मामूली घोषणाओं व योजनाओं से एवं उनके साथ एक वक्त का खाना खा लेने से क्या देश व उत्तर प्रदेश के करोड़ों ग़रीबों व श्रमिकों,मजदूरों का पेट भर पायेगा, क्या उनका वास्तविक भला आर्थात उनके वन का स्तर सुधर पायेगा। मैं समझती हूँ कि यह सब केवल दिखावटी बातें हैं। इन बातों से ग़रीबों व मज़दूरों आदि का वन नहीं बदल पायेगा।
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